जयपुर। राज्य सरकार के आदेश के बाद सोमवार से प्रदेश में शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खुलने के साथ ही पहले ही दिन जयपुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 2 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए। संयुक्त अभिभावक संघ ने स्कूल में कोरोना के मामले सामने आने बाद कहा कि प्रदेश में दीपावली के बाद से कोरोना के मामले बढ़ रहे है, राज्य सरकार ने शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खोलने की एसओपी जारी कर अभिभावकों और बच्चों के की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रची है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान सरकार से मांग करता है कि वह शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूलों को खोलने के निर्देश को वापस लेवे और ऑनलाइन क्लास चलाने के निर्देश सभी स्कूलों को देवे।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि निजी स्कूलों ने राज्य सरकार की एसओपी का गलत इस्तेमाल कर अभिभावकों पर आंतक मचाया हुआ है। साथ ही राज्य सरकार ने भी शतप्रतिशत स्कूलों को खोलने के आदेश में स्थिति बिल्कुल भी स्पष्ट नही की हुई है, जिसका फायदा उठा निजी स्कूल संचालक अभिभावकों और छात्रों पर ऑफलाइन क्लास ने शामिल होने का अनैतिक दबाव बना रहे है। अभी जयश्री पेड़ीवाल स्कूल, विद्या आश्रम स्कूल, एमजीडी स्कूल, एमपीएस स्कूल, ज्ञान आश्रम, सीडलिंग स्कूल सहित अन्य स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी है और अब अभिभावकों पर दबाव बना रहे है कि बच्चों को पढ़ाना है तो ऑफलाइन क्लास अटेंड करवाये। स्कूलों की हठधर्मिता को देखकर संयुक्त अभिभावक संघ राज्य सरकार से अभिभावकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ऑप्शन उपलब्ध करवाए जाने की मांग करता है। 7 दिनों में सरकार ने इस विषय पर कोई कार्यवाही नहीं की तो मजबूरन अभिभावकों को दुबारा सड़कों पर आना पड़ेगा।
संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने निजी स्कूलों पर एसओपी का गलत मतलब निकाल अभिभावकों को जबरन प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने शतप्रतिशत केपेसिटी के साथ स्कूलों को खोलने की इजाजत दी है, ऑनलाइन और ऑफलाइन को लेकर एसओपी में कोई स्थान नहीं है। निजी स्कूल संचालक सरकार और प्रशासन के संरक्षण का गलत मतलब निकाल अभिभावकों और बच्चों पर अनैतिक दबाव बनाने के लिए ऑनलाइन क्लास बन्द कर रहे है। जिससे अभिभावकों से पूरी फीस वसूल सके।