जयपुर। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल की अध्यक्ष वीनू गुप्ता ने बुधवार को मण्डल के मुख्यालय से “ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राईव” के तृतीय चरण का शुभारम्भ करते हुए हरी झण्डी दिखाकर ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राईव हेतु वाहनों को रवाना किया। इस अवसर पर गुप्ता ने बताया कि राज्य की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं में सरकार द्वारा “ई-वेस्ट पॉलिसी” बनाने तथा ”ई-वेस्ट हेतु रिसाईक्लिंग पार्क” विकसित करने की घोषणा की गयी है। पूर्व में भी ई-वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण को सुनिश्चित करने व आम जन को जागरूक करने हेतु ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राईव के दो चरण सफलतापूर्वक आयोजित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में जयपुर, कोटा एवं उदयपुर की औद्योगिक इकाईयों से 11 मैट्रिक टन ई-वेस्ट एकत्रित किया गया था। द्वितीय चरण में अलवर, भीलवाडा, भिवाडी एवं जोधपुर में रिहायशी एवं औद्योगिक क्षेत्रों से मोबाईल वैन चलाकर 66 मैट्रिक टन ई-वेस्ट एकत्रित किया गया। इस चरण में उपभोक्ताओं को ई-वेस्ट के बदले में लगभग 20 लाख रूपये की राशि उचित मूल्य के रूप में प्रदान की गई थी।
मण्डल के मुख्य पर्यावरण अभियन्ता डॉ. विजय सिंघल ने बताया कि इस अभियान में अजमेर, पाली, बीकानेर, चुरू, झुन्झूनु व सीकर के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों एवं रिहायशी कॉलोनियों एवं रेजिडेन्शियल वेलफेयर एसोसियेशन, शॉपिंग मॉल व अन्य वाणिज्यिक संस्थानों हेतु “ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राईव” का आयोजन किया जावेगा। 2 से 15 मार्च, 2022 तक चलने वाले इस ड्राईव में राज्य में ई-वेस्ट के अधिकृत डिस्मेंटलर अथवा रिसाईक्लिर्स द्वारा औद्योगिक इकाईयों से ई-वेस्ट एकत्रित किया जावेगा तथा उन्हें इस हेतु उचित प्रोत्साहन राशि व प्रमाण पत्र भी दिया जावेगा। इस ड्राईव की सतत् निगरानी राज्य मण्डल के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर की जावेगी। रिहायशी क्षेत्रों और रेजिडेन्शियल वेलफेयर एसोसियेशन एवं अन्य वाणिज्यिक संस्थानों से गोदरेज एप्लाईसेंस द्वारा चलायी जाने वाली ‘मोबाइल वैन’ के माध्यम से ई-वेस्ट एकत्रित किया जावेगा। मोबाईल वैन द्वारा ई-वेस्ट के संबंध में पोस्टरों तथा बैनरों के माध्यम से जागरूकता भी लायी जाएगी।
ई-वेस्ट के प्रति वर्ष उत्पन्न होने के सही आंकडे अभी भी उपलब्ध नहीं है, इसी को दृष्टिगत रखते हुये मण्डल द्वारा एन्वायरमेन्ट प्राटेक्शन ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (ई.पी. टी.आर. आई.), हैदराबाद के साथ एग्रीमेन्ट किया है। यह संस्थान राज्य के पाँच शहरों में ई-वेस्ट इन्वेन्टराईजेशन हेतु स्टडी कर राज्य में प्रति वर्ष उत्पन्न ई-वेस्ट की मात्रा का आंकलन करेगा। इसी प्रकार प्लास्टिक वेस्ट हेतु भी एक संस्थान द्वारा इन्वेन्टराईजेशन का कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में गोदरेज एप्लाईसेंस की ओर से सुनील कुमार शर्मा, रीजनल हैड भी उपस्थित रहे, उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल के साथ मिलकर चलायी जाने वाली ड्राईव का संबंधित जिलों में ई-रिक्शा, बैनर, पोस्टर व माईकिंग द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक संख्या में आम जन को जागरूक किया जा सके। गोदरेज द्वारा इस प्रकार का ई-वेस्ट संग्रहण अभियान प्रथम बार आयोजित किया गया है। अंत में सभी नागरिकों से अपील की गयी कि ई-वेस्ट का निस्तारण कबाडी, अनाधिकृत संस्था द्वारा ना किया जावे। ई-वेस्ट को अधिकृत रिसाईक्लिर्स, डिस्मेन्टर्ल्स, संग्रहण केन्द्रों द्वारा डिस्पोज करें और इसका उचित मूल्य भी प्राप्त करें। अधिकृत ई-वेस्ट रिसाईक्लिर्स, डिस्मेन्टर्ल्स, संग्रहण कन्द्रों की विस्तृत जानकारी राज्य मण्डल की वेबसाईट पर उपलब्ध है।