नीदरलैंड्स। साझा संसार नीदरलैंड्स द्वारा वेबीनार ‘प्रवास मेरा नया जन्म’ का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस आयोजन की अध्यक्षता कनाडा से वरिष्ठ व्यंग्य साहित्यकार धर्मपाल महेंद्र जैन ने की। आयोजन के संयोजक रामा तक्षक ने युवा प्रवासी भारतीय रचनाकारों से आग्रह किया कि वे स्थानीय देश के जीवन व समाज की मुख्यधार पर अपनी कलम से पकड़ बनावें। इस भांति प्रवास देश के स्थानीय जीवन के बारे में लिखकर अपने लेखन को भारतीय पाठकों तक पहुंचावें।
धर्मपाल महेंद्र जैन ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में बताया कि प्रवासी लेखन का इतिहास लगभग चार सौ बरस पुराना है। उन्होंने युवा प्रवासी साहित्यकारों से कहा कि वे अपने प्रवास देश की लोक कला, लोक संस्कृति, स्थानीय जीवन की बातों को, स्थानीय जीवन के तथ्यों को अपनी संवेदनाओं का आधार बनाकर सृजन करें। कुछ नया देकर भारतीय साहित्य को समृद्ध करें। इस आयोजन में अमेरिका से डॉ श्वेता सिन्हा, कीनिया से सरिता शर्मा, नीदरलैंड्स से अश्विनी केगांवकर व विश्वास दुबे ने कविता पाठ किया। स्पेन से पूजा अनिल ने मुख्य वक्ता के तौर पर भाग लिया। मुख्य वक्ता के तौर पर अपने वक्तव्य में हाल में स्पेन निवासी पूजा अनिल ने बताया कि प्रवास सीख की प्रक्रिया से गुजरना है। उन्होंने स्पेन में स्त्री प्रधान परिवार, पुस्तकालय संस्कृति और लोक जीवन में खेलकूद आदि की महत्ता और स्पेनिश आम जनजीवन के बारे में अपने अनुभवों को विस्तार से बताया। इस आयोजन का मंच संचालन विश्वास दुबे ने किया।