पायरिया से कम उम्र में गिर सकते हैं दांत !

डॉ. संदीप सुगंध, डायरेक्टर डेंटल सेंटर, मल्टीस्पेशलिटी डेंटल क्लिनिक, निवारू रोड, झोटवाड़ा, जयपुर

जयपुर। दांतों और मसूढ़ों से जुड़ी समस्या है पायरिया, जिसका शिकार आजकल काफी संख्या में लोग हो रहे हैं। पायरिया एक ऐसा जीवाणु जनित दांत-मुख विकार है, जो मसूढ़े एवं जबड़े की हड्डियों को प्रभावित करता है। इनकी वजह से धीरे-धीरे हड्डी गलना शुरू हो जाती है।  अगर सही समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो पायरिया तेजी से फैल जाता है और धीरे-धीरे दांत हिलना शुरू हो जाते हैं,  इसमें कई बार मुंह से खून, दर्द और बदबू आने लगती है। 

ऐसे होता है पायरिया

पायरिया होने की मुख्य वजह मौखिक स्वच्छता की लापरवाही होती है। पायरिया दांतों एवं मसूढ़ों पर प्लाक जमने के कारण होता है, जो कि भोजन के पश्चात दांतों पर जमने वाली एक चिपचिपी परत होती है, समय रहते इसे साफ नहीं करने पर यह परत केल्शिफाइड सरंचना कैलकुलस में परिवर्तित होकर जीवाणु के लिए एक सुरक्षित आवास बन जाती है और यही जीवाणु पायरिया के लिए प्रमखु रूप से उत्तरदायी होते हैं। इसकी वजह से दांत और मसूढ़ों के बीच जुड़ाव टूट जाता है और समस्‍या शुरू हो जाती है।

सही समय पर इलाज जरूरी, मसूढ़ों में से खून व मुंह से दुर्गन्ध आना और खाना चबाने में दांतों में दर्द होना मुख्य लक्षण 

यह हैं लक्षण 

ब्रश करते समय मसूढ़ों में से खून आना, मुंह से दुर्गन्ध आना,  मसूढ़े का कमजोर होना, दांतों का हिलना,  खाना चबाने में दांतों में दर्द होना एवं मसूढ़ों  के पीछे हटने से दांतों का अपेक्षाकृत लंबा  दिखना पायरिया के मुख्य लक्षण हैं। 

यह लोग होते हैं  शिकार 

- मधुमेह के रोगियों में मसूढ़ों के उत्तकों की शीघ्र क्षति होती है, इसलिए मधुमेह पीड़ित व्यक्ति भी पायरिया के आसान शिकार होते हैं।

- शराब का सेवन और  ध्रूम्रपान, जो कि पायरिया के सबसे गंभीर कारकों में से एक है। इन आदत की वजह से दांतों में सड़न एवं जबड़े की हड्डी कमजोर होने लगती है  

 - गर्भवती महिलाओं  में हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव की वजह से भी पायरिया हो सकता है।

 - खराब पोषण और विटामिन सी की कमी भी पायरिया का प्रमुख कारण है।


बचाव के लिए बदलें अपनी आदत 

- पायरिया से बचाव के लिए जरूरी है कि मौखिक स्वच्छता की आदत डालें।

- दिन में दो बार ब्रश करें। (उचित तकनीक से)

- ध्रूम्रपान एवं मदिरापान जैसी आदतों से दूर रहें।

- ब्रश करने के पश्चात हल्के हाथ से मसूढ़ों की मालिश करें।

- प्रत्येक 6 माह मेंदंत चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

- हमेशा सॉफ्ट  ब्रश का इस्तेमाल करें।

 - खाद्य कणों को हटाने के लिए टूथपिक, सेफ्टी पिन या अन्स किसी नकीली वस्तु के उपयोग से बचें।

- अपने डाइट चार्ट में हरी सब्जियां और फाइबर वाले फूड शामिल करें।

यह हैं कारगर इलाज 

पायरिया का आधुनिक तकनीक से कारगर इलाज किया जा सकता है। 

- स्केलिंग की प्रक्रिया में दंत चिकित्सक अल्ट्रासोनिक मशीन द्वारा दांतों के गहरे हिस्से में जमे प्लाक और कैलकुलस को हटा देते हैं, जिससे उस हिस्से में बैक्टीरिया पनप नहीं पाते हैं।

- रूट प्लानिगं प्रक्रिया में जड़ों के खुरदरे  हिस्से को पेरियोडोंटल स्केलर की सहायता से चिकना एवं समतल कर दिया जाता है, जिससे वहां कैलकुलस के जमने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।

- फ्लेप सर्जरी नामक प्रक्रिया में पायरिया के कारण ज्यादा सक्रंमित मसूढ़ों के आतंरिक हिस्से एवं सक्रंमित जबड़े की हड्डी के हिस्से को शल्यक्रिया द्वारा काटकर अलग कर दिया जाता है और स्वस्थ मसूढ़ों को वापस दांत के पास सटाकर टांके लगा दिए जाते हैं। लगभग 10 से15 दिन के बाद टांके वापस खोल दिए जाते हैं।

- यह पायरिया के लिए एक सबसे सफल उपचार विधि है। जबड़े की हड्डी के ज्यादा क्षरण होने की स्थिति में हड्डी के वापिस  विकास के लिए जहां सभंव हो वहां आर्टिफिशियल हड्डी यानी बोन ग्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है।