लाइफस्टाइल पर ध्यान दीजिये, वरना दिल पर साइलेंट अटैक

 

डॉ. संजय खंडेलवाल, डीएम कार्डियोलॉजिस्ट, डायरेक्टर, खंडेलवाल हार्ट इंस्टीट्यूट, सीकर रोड, जयपुर

जयपुर।  साइलेंट अटैक, लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। लोग चलते-फिरते या अपनी दैनिक दिनचर्या के काम करते-करते अचानक बेहोश या फिर गिर जाते हैं और उनकी डेथ हो जाती है। वजह होती है साइलेंट अटैक। इसके लक्षण न के बराबर होते है, जिस वजह से मरीज को कुछ पता ही नहीं चल पाता  है। आमतौर पर 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में  हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती है, लेकिन अब  20 से  25 साल के युवाओं पर भी इसका असर तेजी से देखने को मिल रहा है। 

ऐसे आता है अटैक 

जब बॉडी में कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है तो कोलेस्ट्रॉल युक्त प्लाक कोरोनरी धमनियों में जमा हो जाता है। ये जमावट धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। धीरे धीरे  यह ब्लॉकेज 50 से 60 प्रतिशत तक पहुंच जाती है और प्लाक्स (थक्के) बन जाते हैं। जब ये प्लाक टूटता है, तो खून का थक्का बन जाता है, जिसके कारण रक्त की पूर्ति नहीं हो पाती, जिससे हार्ट मसल्स को प्रभाव पड़ता है और आगे जाकर हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है। मरीज को इस कंडीशन में सीने में तेज दर्द होता है, जबकि कभी-कभी यह साइलेंट रूप में दिल पर अटैक करता है।


पहले दिखती थी 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में हार्ट अटैक की समस्या, लेकिन अब युवाओं के दिल पर साइलेंट अटैक  

 

बचने के लिए लाइफ में यह करें बदलाव 

अपने डाइट चार्ट में हरी सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन को शामिल करें,  बैलेंस्ड डाइट लें। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें, इस तरह के खाने में शुगर और सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होते हैं, जबकि पोषक तत्व बहुत कम होते हैं।  सोडा और एनर्जी ड्रिंक, आइसक्रीम और कैंडी बार, पैक्ड स्नैक्स और मिठाई इनसे दूर रहें,  जिससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारी होने का खतरा कम हो। 

यदि बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं तो नियमित चेकअप कराएं,  अगर छाती में जलन और असामान्य थकान होने पर  तुरंत डॉक्टर की सलाह लें,  बीपी की समस्या में समय रहते ध्यान दें, इससे हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। रेगुलर एक्ससाइज  और वॉक करें। शरीर को एक्टिव रखें।  धूम्रपान व नशे की लत से दू रहें। बहुत अधिक शराब रक्तचाप और वजन बढ़ा सकती है, जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।



इन लोगों  को खतरा ज्यादा 

 महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दिल के दौरे की संभावना 2 से 3 गुना अधिक होती है। महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन ढाल  के रूप में काम करता है। कुछ विशेष कारण है , जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। 

- अगर फॅमिली में ह्रदय रोग (माता-पिता, भाई या बहन)  की प्रॉब्लम है तो दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

- लम्बे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर ह्रदय को नुकसान पहुंचा सकता है और दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकता है।

- खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।  

 - अत्यधिक वजन और डायबिटीज  के लोग को भी सावधान रहना चाहिए। 

- बदलती लाइफस्टाइल में तनाव की वजह से लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे है। 

- धूम्रपान करने से धमनियों कठोर बनती है, जिससे दिल को खतरा होता हैं।

 - शराब पीने से हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट प्रॉबल्म्स, स्ट्रोक और भी कई समस्याएं हो सकती है। ऐसे में शराब को पीने से बचना चाहिए, हार्ट के मरीजों को तो इससे दूरी बनाकर ही रखनी चाहिए।