नींद में बच्चा बिस्तर गीला करे, तो परेशान न हो, दिखाएं समझदारी

डॉ. विवेक शर्मा, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ व कंसल्टेंट,पेंगुइन पेडियेट्रिक केयर सेंटर, मालवीय नगर, जयपुर

जयपुर। छह  वर्ष की  आयु के बाद बच्चों का रात में बिस्तर गीला करना एक आम समस्या है।  नॉक्टुर्नल एन्युरेसिस की यह समस्या ऐसे बच्चों में कई वर्ष की ट्रेनिंगके बाद भी रहती है और नींद में बिस्तर अनजाने में गीला हो जाता है। विशेष रूप से बिस्तर गीला करने की परिभाषा या श्रेणी के अंतर्गत वे बच्चे आते है, जो सप्ताह में न्यूनतम तीन रात सोते हुए  बिस्तर गीला कर देते हैं। यह कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है, जिसके कारण यह ऐसा करते हैं। विश्व में लगभग दस करोड़ बच्चे यानी हर 6 में से एक बच्चा इस असामन्य क्रिया से पीड़ित है। यहां 10 वर्ष की उम्र तक पहुंचने पर 20 में से एक और वयस्क अवस्था प्राप्त करने पर 100 में से एक में यह समस्या रह जाती है।

बिस्तर गीला करना कोई मनोवैज्ञानिक रोग नहीं है। इसके यह कारण हो सकते हैं ।

1. यूरिनरी ब्लडर का सामान्य से छोटा आकार।

2. यूरिनरी ब्लडर की अस्थायित्व।

3. वंशानुगत (यदि माता-पिता में यह समस्या रही होतो अन्य बच्चों से 40 से 75 प्रतिशत तक इस समस्या के अधिक होने की प्रवृत्ति रहती है। कुछ कंडीशन में नकारात्मक परिस्थितियां भी इसका कारण बन सकती है। जैसे-

- टूटते परिवार, तलाक, माता-पिता का अलगाव इत्यादि।

- माता के संरक्षण से वंचित होने से बच्चों मेंअसुरक्षा की भावना।

- नियमित समय पर रात्रि में टॉइलेट न करवाना।

 - किसी विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थो का दुष्प्रभाव (एलर्जी)।

- मूत्र नली में कीटाणु संक्रामित  रोग और कब्ज की परेशानी होना। 


रोग का उपचार तुरन्त करना आवश्यक

बिस्तर गीला करने की समस्या बच्चों की प्रवृत्ति में लज्जा, क्रोध एवं हीन भावना पैदा करती है। माता-पिता  बच्चों को गुस्सा करते हैं, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास की कमी आती है। ऐसे में यह साधारण सी प्रतीत होने वाली समस्या बच्चे में  कई हानिकारक प्रभावों के कारण वयस्क अवस्था में भी विद्यमान रहती है। इसलिए  इस  रोग का उपचार तुरन्त करना आवश्यक है।  

- टॉयलेट ट्रेनिंग : यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके द्वारा डाक्टर आपके बच्चे को अपने यूरिनरी ब्लडर बेहतर ढंग से नियंत्रण करना  सिखाते हैं, जिससे उसके टॉयलेट जाने का अंतराल धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।

 - दवाइयां : कुछ दवाइयां, इस तरह की आती है जो बच्चे को बिस्तर गीला करने का उपचार करती  है। विश्व स्वास्थ्य संगठन अब बिस्तर गीला करने की समस्या से सुरक्षित एवं असरदार उपचार के रूप में डेस्मोप्रेसिन की सिफारिश करता है।


अभिभावक क्या करें  :-

1. रात्रि को सोने से पूर्व बच्चे को दो बार पेशाब अवश्य करवाएं।  

2. बच्चे को आश्वासित करें कि वह इस समस्या से  शीघ्र छुटकारा पा जाएगा ताकि उसमें आत्मविश्वास पैदा हो।

3. जब बच्चा किसी रात्रि को  बिस्तर गीला न करें तो उसकी प्रशंसा करें और  उसे पुरस्कृत करें। 

4. इसका पूर्ण ध्यान रखें कि बच्चा कब्ज से पीड़ित न हो। 

5. बच्चों को उपचार नियमित रूप से पालन करने  एवं दवा समय पर लेने की हिदायत दें और  संरक्षक इसका पूर्ण ध्यान रखें।

अभिभावक क्या न करें -

- सोने से कुछ घंटे पहले बच्चे को तरल पदार्थ  कम से कम दें, विशेष तौर पर कैफीन वाले पेय जैसे कॉफी, चाय, कोला इत्यादि न दें। एलर्जी  खाद्य पदार्थ  न दें।

- बच्चे को ज्यादा डांटे नहीं, वरना वो हीन भावना का शिकार हो सकता है।

 - अपने डाक्टर से शीघ्र सलाह लेकर अपने बच्चे  का आत्मविश्वास बढ़ाने तथा सफल उपचार की बुनियाद रखने में मदद कर सकते है।