बदलती लाइफस्टाइल से पुरुषों में बढ़ता हर्निया का खतरा

डॉ. नवनीत कोठारी, कोठारी हॉस्पिटल, अजमेर रोड, जयपुर

जयपुर।  बदलती लाइफस्टाइल की वजह से पुरुषों में हर्निया की समस्या काफी देखने को मिल रही है। जब आंत या मूत्राशय, पेट की ऊतक दीवार और कमर क्षेत्र में धकेलता है तब वह हर्निया का रूप ले लेता है। ऐसे में इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को खांसने और छींकने में तेज दर्द होता है। कभी कभी यह दर्द इतना ज्यादा बढ़  जाता है कि व्यक्ति उठने-बैठेने में भी परेशानी होती है। यह छोटे से ऑपरेशन या सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।हर्निया, पांच तरह का होता है...

- इंगुइनल हर्निया : आमतौर पर पुरुषों में देखने में मिलता है जो कि पेट के निचले हिस्से में दाहिनी और बाएं तरफ स्क्रोटम के पास हो सकता है। 

- अंबिलिकल हर्निया: अक्सर नाभि  पर होता है और यह बच्चों में और बड़ों में आमतौर पर देखने में आता है। 

- इनसीजनल  हर्निया :अक्सर पहले वाले ऑपरेशन के स्थान पर नजर आता है, क्योंकि वह स्थान पहले वाले ऑपरेशन की वजह से कमजोर हो जाता है।  

- एपिग्रेस्टिक हर्निया : अक्सर पेट के ऊपरी हिस्से में छाती के नीचे देखने में आता है या अधिक वजन उठाने अथवा पेट पर जोर देने की वजह से होता है। 

- पाराअंबिलिकल हर्निया: : अक्सर नाभि के आसपास यानी ऊपर और नीचे देखने में आता है यह पेट की दीवार कमजोर होने की वजह से एवं अत्यधिक वजन उठाने से होता है।


यह होते है लक्षण, रहें सावधान  

- प्रभावित हिस्से पर उभार या गांठ, फैट का बाहर आना

- दिखाई देना, छूने पर दर्द होना

 - शरीर के बताए गए भाग से शरीर में भारीपन महसूस होना  

 - पेट में अचानक तेज दर्द होना और सूजन आना 

-जी मिचलाना,उल्टी होनापेट में लाल और जामुनी रंग का उभार दिखाई देना

 - लंबे समय खड़े रहने, वजन उठाने या पेट पेट पर दबाव पड़ने से दर्द होना

- पुरुषों  के अंडकोष के चारों तरफ खिंचाव महसूस होना,गैस पास करने में परेशानी होना

समय पर कराये इलाज, यह हो सकते है परिणाम  

यदि हर्निया का समय पर इलाज न किया जाये तो इसका बड़ा हुआ आकार आस-पास के टिश्यू पर बहुत अधिक दबाव डाल सकता है, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है। हर्निया का इलाज सही समय पर नहीं करने से आंत का एक हिस्सा पेट की दीवार में फंस सकता है, जिससे आंत बाधित हो सकती है और गंभीर दर्द, मतली या कब्ज की प्रॉब्लम हो सकती है।   मल त्याग करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आंतों के फंसे हुए भाग को पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं मिलता है, तो इससे आंत के टिश्यू संक्रमित हो सकते हैं या मर सकते हैं। यह  ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है, वरना जान तक जा सकती है। 

अपनी लाइफस्टाइल में करें बदलाव  

पहले के मुकाबले इस बीमारी की  चपेट में लोग काफी ज्यादा आने लगे है, इसकी एक वजह बढ़ता वजन है, अपने वजन को संतुलित रखें । वजन बढ़ने के कारण  पेट की अंदरूनी दीवार आपकी हर गतिविधि के दौरान एक्स्ट्रा फैट्स का बोझ लगातार सहती रहेगी। इससे हर्निया होने का खतरा बढ़ जाता है। 

एक्सरसाइज करते समय सावधानी बरतें, कई बार एक्सराइज गलत करने से भी पेट पर दबाव बनता है। अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फल, सब्जियों, अनाज को शामिल करें। ये पाचन को दुरुस्त रखते हैं। कब्ज होने से भी पेट पर दबाव पड़ता है और हर्निया की समस्या विकसित हो सकती है। सिगरेट न केवल आपके फेफड़ों के लिए नुकसानदायक है, साथ ही इससे खांसी की समस्या भी बढ़ती है जो धीरे-धीरे पेट पर दबाव डाल सकती है। 

अचानक नीचे झुककर कोई भी भारी सामान उठाने से बचें। अगर सामान उठाना भी हो तो पहले दोनों घुटने मोड़ें, फिर दोनों हाथों से भारी सामान को पेट की सीध में लाते हुए ऊपर उठाएं। यदि आपकी पेट की कोई सर्जरी हुई है तो खास ध्यान रखें, यदि बचपन से आपको पेट सम्बन्धी दिक्कत हो तो भी अपनी डाइट और रूटीन को लेकर डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।