छींक आ रही हैं तो रोकिए मत, खड़ी हो सकती है बड़ी परेशानी

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छींक कई कारण से आ सकती है। आमतौर पर सर्दी-खांसी होने का पहला लक्षण छींकें आना होता है। कई बार किसी गंध से एजर्ली के कारण भी छींक आने लगती है। इसी तरह धूल मिट्टी या प्रदूषण के सम्पर्क में आने से भी छींक आ सकती हैं। एकाएक धूप में जाते हैं तो छीकें आने लगती है। 

कुछ व्यक्तियों के साथ छींक को लेकर परेशानी होती है। उन्हें लगातार इतनी छींक आती हैं कि वे परेशान हो जाते है। इसके लिए वे  कई तरह उपाय और नुस्खे अपनाए जाते हैं। लेकिन, इस तरह छींक को रोकने से बहुत अधिक नुकसान हो सकते हैं। 

एक केस स्टडी में बताया गया कि एक व्यक्ति जिसने छींक रोकने की कोशिश की तो उसकी सांस की नली डैमेज हो गयी और फट गयी। इस घटना के बाद पीड़ित व्यक्ति का एक्स-रे किया गया जिसमें पता चला कि छींक रोकने के कारण हवा स्किन के सबसे निचले टिश्यूज तक पहुंच गई और वहां अटक गयी। वहीं, सीटी स्कैन करने पर पता चला कि उसकी तीसरी और चौथी हड्डियों के बीच के मसल्स भी फट गए। वहीं, फेफड़ों के आसपास भी हवा जमा हो गयी थी।

छींक एक नेचुरल प्रक्रिया है

दरअसल, छींक आना एक नेचुरल प्रक्रिया है और जब आप छींक को रोकने की कोशिश करते हैं तो इससे आपके शरीर में बहुत अधिक दबाव बनने लगता है।  जब आप छींकते हैं तो इससे शरीर में होने वाले प्रेशर से 20 गुना अधिक प्रेशर छींक को रोकते समय पैदा होता है। इसीलिए, छींक रोकने से मना किया जाता है।

छींक है हेल्थ के लिए जरूरी

एक्सपर्ट्स के अनुसार, छींक को रोकना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं है। छींक आने की प्रक्रिया आपकी बॉडी को सुरक्षित रखती है। दरअसल, जब छींक आती है तो इसके जरिए नाक के साथ-साथ पूरे शरीर की सफाई हो जाती है। छींक रोकने के प्रयास नहीं करने चाहिए। ये नुकसानदायक हो सकता है।