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सबसे पहले खुद को समझें
जब आप गुस्से में, निराश या बेचैन महसूस करते हैं, तो सबसे पहले खुद से पूछें कि क्या हो रहा है। इसके बाद अपनी प्रतिक्रिया को समझें। उन कारणों का विश्लेषण करें जिसकी वजह से आपको गुस्सा या निराशा होती है। धीरे—धीरे उनमें सुधार की कोशिश करें। आप देखेंगे कि जल्द ही आप अपने गुस्से पर काबू पा लेंगे। क्योंकि आपकी प्रतिक्रिया ही आपके धैर्य के स्तर को दर्शाती हैं। अगर आप जल्दी गुस्सा करते हैं या बेचैन हो जाते हैं, तो यह आपके धैर्य में कमी का संकेत है।
धैर्य का अभ्यास करें
जब आप खुद का समझ लेंगे तो बहुत सी समस्याएं दूर हो जाएगी। अब धैर्य के लिए अभ्यास करें। इसकी शुरुआत छोटी—छोटी चीजों से करें। उदाहरण के तौर पर आप घर से निकलते हैं और कोई आपको टोका—टाकी करता है तो शांत रहे। उसकी बात सुनें। जवाब दें। इसी तरह यदि आप ट्रैफिक में फंस गए हैं तो अपना गुस्सा व्यवस्था या अन्य लोगों पर ना निकाले। शांत रहकर स्थिति का सामना करें। प्रतिदिन योग और ध्यान करें। ये धैर्य के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलें।
समय का महत्व समझें
हर काम को जल्दी करने की कोशिश न करें। समय निकालें और धीरे-धीरे काम करें। जीवन में थोड़ा आराम जरूरी है। खुद को समय दें, कुछ देर आराम करें, और अपने मन को शांत करें। अपने कामों के लिए समय सीमा तय करें और उस समय सीमा के अंदर काम पूरा करने का प्रयास करें।
दूसरों के प्रति सहानुभूति रखें
हर व्यक्ति की अपनी समस्याएं होती हैं। दूसरों के प्रति सहानुभूति रखें और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें। गलतियां होती रहती हैं। दूसरों की गलतियों को माफ़ करना सीखें और उनके साथ धैर्य रखें। दूसरों की बात को सुने और समझे। उसके आधार पर सकारात्मक सोच रखते हुए निर्णय लें।
खुद को पुरस्कृत करें
जब आप धैर्य रखते हुए किसी काम को पूरा करते हैं, तो खुद को पुरस्कृत करें। अपनी प्रगति पर ध्यान दें और खुद को यह याद दिलाएं कि आप कितना आगे बढ़ चुके हैं।
ये कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें अपना कर हम अपने जीवन में धैर्य का स्तर यानी Patience Level बढ़ा सकते है। इससे कई छोटी—बड़ी समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएगी और जीवन में उत्साह का संचार होगा।