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सिंकाई करना
गर्म पानी या बर्फ से सिंकाई से पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द में काफी आराम मिल सकता है। बर्फ से सिंकाई करने के लिए यदि आप के पास आइस बैग नहीं है तो टॉवेल या किसी कपड़े में आइस डालकर पोटली बना लें और इससे सिंकाई कर सकते हैं। गर्म सिंकाई के लिए हीट बैग या बॉटल का भी इस्तेमाल कर सकते है। यह बाजार में आसानी से और कम बजट में मिल जाती है।
तनाव से बचने का प्रयास करें
तनाव कई परेशानियों की जड़ होती है। इसकी वजह से भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। ऐसे में, तनाव को कम करने की कोशिश करें। इसके लिए आप रोजमर्रा के बोरिंग काम से कुछ समय के लिए ब्रेक लेकर दोस्तों या परिवार के साथ मनपसंद जगह घूमने जा सकते हैं। दोस्तों या परिवार के साथ अधिक समय बिता सकते हैं। रोज सुबह योगा, मेडिटेशन भी कर सकते हैं। इससे तनाव कम हो सकता है। यदि इससे भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
पर्याप्त नींद लें
एक वयस्क व्यक्ति को 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। नींद पूरी न होने पर कार्यक्षमता के साथ ही दिमाग पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ज्यादा दिनों तक लगातार कम सोने पर कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इनमें पीठ में दर्द भी एक है।
विटामिन और मिनिरल युक्त आहार लें
कई बार शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी की वजह से भी पीठ में दर्द होता है। इसके लिए जरूरी है कि अपने खानपान को संतुलित करें। डाइट में विटामिन्स और मिनिरल्स की पूर्ती के लिए फल, सब्जियां, दालें और बीज, डेयरी प्रोडक्ट, ड्राईफ्रूट, मछली का तेल और चिकन को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
सोने और बैठने के तरीकों में करें बदलाव
पीठ में दर्द का बड़ा कारण गलत तरीके से सोना या बैठना हो सकता है। सही स्थिति में सोना चाहिए और बैठना चाहिए। यह भी ध्यान देना आवश्यक है कि आपकी बेडशीट टेढ़ी न हो। हो सके, तो गद्दे पर सोने से बचें। मोटी कालीन पर चादर डालकर सो सकते हैं। इसके अलावा यदि आप करवट लेकर सोते हैं, तो पैरों के बीच में तकिया रख सकते हैं। लगातार ज्यादा समय बैठकर काम नहीं करें। बीच—बीच में ब्रेक दें। बैठने का तरीका सही रखें।
नियमित एक्सरसाइज करें
पीठ में दर्द को जड़ से खत्म करने का सबसे बेहतरीन उपाय एक्सरसाइज है। यदि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो पीठ में दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अगर एक्सरसाइज के लिए आपके पास अधिक समय नहीं है, तो सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं। आप भुजंगासन, उष्ट्रासन, धनुरासन, सेतुबंधासन, अधोमुख, श्वानासन भी किसी विशेषज्ञ की सलाह पर कर सकते है।