कई बीमारियों की एक दवा है गिलोय, जाने इसका कब और कैसे करें सेवन


गिलोय को कई बीमारियों में रामबाण औषधि माना जाता है। संस्कृत में इसे गुरुचि या अमृता भी कहा जाता है। गिलोय के ढेरों स्वास्थ्य लाभ होते हैं। अगर इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए तो यह वायु, पित्त और कफ तीनों तरह के दोषों को खत्म कर सकती है। अपने इस विशेष गुण के कारण ही इसे त्रिदोष शामक औषधि भी कहा जाता है। गिलोय आसानी से उपलब्ध हो जाती है। 

  • विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय 100 से ज्यादा बीमारियों में कारगर है। इसमें मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार से निजात दिलाते हैं।एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण डेंगू और मलेरिया जैसे संक्रमणों में राहत मिलती है। जबकि इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किसी भी तरह की सूजन में राहत दिलाते हैं। 
  • खून में किसी तरह का विकार होने पर इसे शुद्ध करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर रक्त विकार से हुए कील-मुंहासे गिलोय का सेवन करने से खत्म हो जाते हैं।
  • यह एग्जिमा जैसे त्वचा विकार को खत्म करने के भी काम आती है। गिलोय को त्वचा रोगों में भी फायदेमंद बताया है।
  • अगर हाथ-पैर या आंखों में जलन हो रही है, आंखों से आंसू निकलना नहीं बंद हो रहे हैं, यूरिन पास होने में जलन हो रही है तो मिश्री के साथ गिलोय के पाउडर का सेवन करने से लाभ होता है।
  • डायबिटिक लोगों के ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है, जो यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकलता है। इसलिए किडनी पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। ऐसे में नीम के ऊपर लगी गिलोय लेने से लाभ होता है।
  • डेंगू और मलेरिया जैसे बुखार में पपीता के पत्तों के साथ गिलोय का सेवन करने से लाभ मिलता है। इससे बीमारी दूर होने के साथ रिकवरी में भी तेजी आती है।
  • गिलोय इम्यूनिटी बूस्टर भी है। इसलिए कोरोना काल में इसका काढ़ा बनाकर पीने से लोगों को लाभ मिला। इससे टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और इम्यूनिटी मजबूत होती है।

कैसे करें गिलोय का सेवन 

गिलोय का जूस बनाकर पी सकते हैं और पाउडर फॉर्म में भी इसका सेवन किया जा सकता है। गिलोय का जूस बनाने के लिए सबसे पहले गिलोय के छोटे-छोटे टुकड़े लें। अगर तना उपलब्ध नहीं है तो इसकी पत्तियां और जड़ भी उतनी ही लाभकारी होती हैं। इसे अच्छी तरह से कूट लें। अब इसे रात में थोड़े पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इसे मसलकर छान लें। यह गिलोय का जूस है। इसे एक या दो चम्मच ही पिएं। अगर स्वाद कड़वा लग रहा है तो पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। अगर इसे बनाने में मुश्किल हो रही है तो बाजार से पाउडर भी खरीद सकते हैं। बाजार में गिलोय का पाउडर मिल जाता है, जो लंबे समय तक खराब नहीं होता है। इसे गिलोय के तने और पत्तियों को सुखाकर और कूटकर तैयार किया जाता है। इसे पानी में उबालकर और छानकर पी सकते हैं।

गिलोय के साइड इफेक्ट और सावधानियां

गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खासकर अगर आपको कोई बीमारी है या आप दवाएं ले रहे हैं। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इससे कब्ज हो सकता है।