पेट की कई समस्याओं का रामबाण इलाज है ईसबगोल की भूसी का सेवन


ज्यादातर बीमारियों की वजह हमारा खराब पाचन तंत्र होता है। देखा जाए तो शरीर में किसी गंभीर समस्या की शुरुआत हमारे पेट से ही होती है। पाचन तंत्र कमजोर होगा तो कोई ना कोई बीमारी लगी ही रहेगी। 
आयुर्वेद में ईसबगोल की भूसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने और पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही कारगर मानी जाती है। इसका सेवन करने से लीवर मजबूत होता है। ईसबगोल की भूसी एक प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन करने से लीवर, पेट और हृदय से जुड़ी समस्याएं समाप्त होती हैं। लेकिन इसका उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 
  • ईसबगोल की भूसी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसका सेवन करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए क्योंकि यह फाइबर के जैसे काम करता है, जिससे आंतों को पानी की अधिक आवश्यकता होती है। ईसबगोल की भूसी का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है। अगर रात को सोने से पहले इसका सेवन किया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। सुबह खाली पेट अगर एक चम्मच पानी में मिलाकर पिया जाए तो यह हमारी आंतों की सफाई करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
  • ईसबगोल की भूसी का सेवन करने से गैस अपच और एसिडिटी की समस्या दूर होती है। ईसबगोल की भूसी पेट में जाकर जेल बनाती है, जो पेट में एसिड की मात्रा नियंत्रित करता है और गैस से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होती है। 
  • कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कुछ हफ्ते तक सोने से पहले ईसबगोल की भूसी को एक गिलास गुनगुने दूध या पानी में मिलाने के बाद पिएं, जिससे यह पेट में जाकर सही से काम कर पाएगा।
  • ईसबगोल का नियमित सेवन शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखता है और पानी की कमी नहीं होने देता। ईसबगोल की भूसी पानी को अब्जॉर्ब करती है। इसका सेवन करने से शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहती है।
  • ईसबगोल की भूसी पेट में जाकर पानी के साथ फूलती है। इससे व्यक्ति का पेट भरा भरा महसूस होता है। भूख कम लगने के कारण खाने पर नियंत्रण लगाया जा सकता है। ईसबगोल की भूसी का सेवन वजन घटाने के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह शरीर से एक्स्ट्रा फैट को भी बाहर निकालता है।
  • ईसबगोल का सेवन करने से पाचन तंत्र तो बेहतर होता ही है साथ ही हमारा लीवर भी स्वस्थ रहता है। यह हमारे लीवर को साफ-सुथरा रखता है और टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर लीवर स्वस्थ रहता है तो यह हमारे शरीर से विषैला पदार्थ को बाहर निकालता है और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।