जयपुर। मूक-बधिर बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष योजना के तहत अब तक करीब 500 सफल कॉकलियर इंप्लांट हो चुके हैं। अब इन बच्चों की उम्मीदें सपनों की नई उड़ान भर रही है। ये बच्चे भी अब आईएएस, न्यूज रीडर और विदेश में नाम कमाने के सपने देख रहे हैं। करीब 400 सफल कॉकलियर इंप्लांट करने में एसएमएस अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉ. मोहनीश ग्रोवर की अहम भूमिका रही। गौरतलब है कि कॉकलियर इंप्लांट की शुरुआत एसएमएस अस्पताल में 2010 में राजेश भास्कर के इंप्लांट से हुई थी। जबकि राजेश को एम्स दिल्ली ने भी मना कर दिया था। वर्ष 2010 में सड़क दुर्घटना में राजेश की सुनने-बोलने की क्षमता चली गई थी। परिजन एम्स लेकर गए, लेकिन डॉक्टर्स ने मना कर दिया। इसके बाद भास्कर का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पहला सफल इंप्लांट हुआ।