जयपुर। जन सरोकार से जुड़े मुद्दे पर उत्कृष्ट कार्य के लिए कोटा के सुजीत स्वामी का चयन ‘रूट्स अवार्ड 2022’ के लिए किया गया है। रूट्स पोस्ट की ओर से यह अवार्ड विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। गौरतलब है कि इंजीनियर और आरटीआई कार्यकर्ता सुजीत स्वामी पिछले 5 साल से टिकट के रिफंड में कम मिले 2 रुपए के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। इसका फायदा उनके साथ IRCTC के 2.98 लाख यूजर्स को हुआ। 2 रुपए के रिफंड के चक्कर में IRCTC को 2.43 करोड़ रुपए चुकाने होंगे।

सुजीत ने अप्रैल 2017 में 2 जुलाई को यात्रा करने के लिए स्वर्ण मंदिर मेल में कोटा से नई दिल्ली के लिए टिकट बुक किया था। वेटिंग होने के कारण वो यात्रा नहीं कर पाए। उन्होंने 765 रुपए की कीमत वाला टिकट कैंसिल करवा दिया था। कैंसिल करवाने पर उन्हें 665 रुपए का रिफंड मिला। सुजीत के अनुसार रेलवे ने 65 के बजाय 100 रुपए की कटौती करके उनसे सेवा कर के रूप में 35 रुपए की अतिरिक्त राशि वसूल की।

सुजीत ने जुलाई 2017 में मामले को लेकर आरटीआई लगाकर सूचना मांगी। जिसके तहत और कितने उपभोक्ता हैं, जिनके सेवा कर के रूप में 35 रुपए की कटौती की गई। इसके जवाब में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी में सामने आया कि करीब 2 लाख 98 हजार उपभोक्ताओं से प्रति यात्री 35 रुपए सेवाकर के रूप लिए गए।

सुजीत ने रेलवे मंत्री, पीएम को लेटर लिखा और सभी उपभोक्ताओं का पैसा रिफंड करने की मांग की। मई 2019 को सुजीत के बैंक अकाउंट में IRCTC द्वारा 33 रुपए डाल दिए गए। सुजीत इससे खुश नहीं हुए। उनका मानना था कि IRCTC ने उनके 35 रुपए सेवाकर के रूप में काटे थे। वापस 35 के बजाय 33 रुपए ही लौटाए। सुजीत ने 2 रुपए रिफंड पाने के लिए फिर से संघर्ष शुरू किया।

सुजीत ने जुलाई 2019 में फिर से एक ओर आरटीआई लगाकर खुद के 2 रुपए के साथ-साथ सभी उपभोक्ताओं को रिफंड लौटने की मांग की। सुजीत हर दो महीने में आरटीआई के माध्यम से रिफंड की स्थिति की जानकारी लेते थे। सुजीत का यह मामला रेलवे मंत्रालय के वित्त आयुक्त और सचिव भारत सरकार, रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग, आईआरसीटीसी, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस (रेवेन्यू) डिपार्टमेंट के सचिव और जीएसटी काउंसिल तक पहुंचा।

सुजीत ने पीएम नरेंद्र मोदी, मंत्री अनुराग ठाकुर, निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री को कटाक्ष करते हुए ट्वीट किए। हाल ही में 27 मई को सुजीत के पास IRCTC के अधिकारी का फोन आया। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं के रिफंड रेलवे बोर्ड द्वारा अप्रूव होने की जानकारी दी। साथ ही सुजीत के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी। 30 मई को सुजीत के अकाउंट में रेलवे द्वारा 2 रुपए का रिफंड आया। रेलवे ने 2 लाख 98 हजार IRCTC उपयोगकर्ताओं को रिफंड में 2 करोड़ 43 लाख रुपए की मंजूरी दी है। जिसके बाद 30 वर्षीय सुजीत ने पांच साल चले संघर्ष पूरा होने के बाद धन्यवाद कहने के लिए 535 रुपए पीएम केयर फंड में ट्रांसफर किए।